Raigar gotra, regar gotra

Vastvik Raiger Gotra Naam

  पृष्ठभूमि ::रैगर गोत्र प्राचीन क्षत्रिय वंश व उनके रूपान्तरण हैं –           जिन्हें रैगर समुदाय के गोत्र माना जा रहा है, वे वास्तव  में प्रभावशाली क्षत्रिय महापुरुषों के नामों के इया-प्रत्ययीकृत शब्दों से चले वंशनाम और कालांतर में उनके इस लेख को पूरा पढ़ने के लिए यहाँ टच/क्लिक करे…….

महाभारत कालीन रग राजवंश

महाभारत कालीन रग राजवंश:-           महा भारत काल में रग अर्थात रैगर रघुवंशी क्षत्रियों का अस्तित्व था । भीष्मपर्व महाभारत(हिन्दी अनुवाद, गीताप्रेस, गोरखपुर) के श्लोक(6, 9, 54) में रग नामक क्षत्रियवंश का उल्लेख आया है। परंतु कुछ इतिहासकार ऐसा मानते इस लेख को पूरा पढ़ने के लिए यहाँ टच/क्लिक करे…….

रैगरों में गंगा के बजाय रामदेव में बढ़ती आस्था व रैदास के प्रति गलत झुकाव

  जिसकी पुष्टि इस बात से होती है कि रैगर जाति प्रारम्भ से सौरोंजी में अपने मृतकों के अस्थि-पुष्प विसर्जित करती आई है, न कि बनारस में । वहाँ पर रैगरों के पंडित हरिद्वार के समान नहीं है, बल्कि गोत्रवार इस लेख को पूरा पढ़ने के लिए यहाँ टच/क्लिक करे…….